फास्ट टेग एक युक्ति / साधन है, जो कि रेडियो आव्रत्ति पहचान (आर. एफ़. आई. डी.) तकनीक पर कार्य करता है | रेडियो आव्रत्ति पहचान एक वस्तु का उपयोग है जिसे एक उत्पाद, पशु, या व्यक्ति में रेडियो तरंगो के इस्तेमाल से पहचान करने और ट्रैकिंग के उद्देश्य से लगाया या डाला जाता है | फास्ट टैग का उपयोग राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ – साथ राजकीय राजमार्गों स्थित टोल नाकों पर भी टोल राशि के नकदी विहीन भुगतान हेतु किया जाता है | नकदी विहीन प्रणाली का अभिप्राय है कि वित्तीय लेनदेन के लिए पैसे का वास्तविक स्वरूप में इस्तेमाल नहीं किया जाता है, बल्कि इसका इस्तेमाल डिजिटल तौर पर किया जाता है |
फास्ट टैग एक तरह का पूर्व – भुगतान किये हुए खाते की तरह होता है जिसमे आवश्यकता अनुसार राशि को ग्राहक अपने किसी भी खाते से अंतरण कर सकता है | फास्ट टैग को वाहन की विंड स्क्रीन पर लगाया जाता है | जब भी वाहन टोल नाके से गुजरता है, तब टोल राशि का इस फास्ट टैग से डिजिटल तौर पर भुगतान हो जाता है | वर्तमान परिवेक्ष्य में दिनांक 15-02-2021 मध्य रात्रि से सभी राष्ट्रीय राजमार्गों स्थित टोल नाकों पर फास्ट टैग द्वारा टोल राशि के भुगतान को अनिवार्य कर दिया गया है |
फास्ट टैग युक्त वाहनो की संख्या लगभग दो करोड़ के ऊपर पहुँच गई है एवं इनकी संख्या में विगत एक वर्ष में 400% तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है जो की सरहनीय है | सभी नए वाहनो के रजिस्ट्रेशन के समय फास्ट टैग लगाना अनिवार्य कर दिया कर गया है | ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा 300/- रुपए के दंड का प्रावधान रखा गया है, जो कि पुनराव्रत्ति होने पर 500/- रुपए तक हो सकता है | इसके अतिरिक्त यदि आप वाहन पर फास्ट टैग पर नहीं लगवाते हैं तो आपको टोल नाके पर नकद में दोगुना टोल राशि का भुगतान करना पड़ेगा एवं वापसी आने पर मिलने वाली छूट से भी आप वंचित रहेंगे |
फास्ट टैग जारी करने के लिए 100/- रुपए का शुल्क किया जाता है एवं इसमें वाहन के प्रकार के अनुसार सुरक्षा निधि जमा करानी होती है जो की 200/- रुपए से लेकर 400/- रुपए तक होती है | वर्तमान दिशा निर्देशों के अनुसार फास्ट टैग जारी करने के लिए लिया जाने वाले शुल्क 100/- को 28 फरवरी 2021 तक के लिए नहीं लेने का फैसला लिया गया है | फास्ट टैग के प्रमुख फायदे निम्न प्रकार से हैं :-
- समय एवं ईंधन की बहुत बचत होगी | एक सर्वे के अनुसार यदि 100% टोल कलेक्शन फास्ट टैग से किया जाएगा तो लगभग 12000/- करोड़ रुपए सालाना की बचत होगी जो कि पेट्रोल एवं मानव श्रम के रूप में होगी।
- आसान ऑनलाइन रीचार्ज सुविधा उपलब्ध है | आप अपने डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, अपने खाते कहीं से भी फास्ट टैग को रीचार्ज कर सकते हैं |
- प्रत्येक लेनदेन पर एस. एम. एस. की सुविधा उपलब्ध है |
- ग्राहक पटल पर टोल पर किए गए लेनदेन एवं बैलेन्स देखने की सुविधा उपलब्ध है |
फास्ट टैग प्राप्त करने के लिए वाहन के रजिस्ट्रेशन की प्रति, स्वयं एक फोटो प्रमाण – पत्र एवं एक फोटो की आवश्यकता होती है | फास्ट टैग सभी प्रमुख बैंको के अलावा टोल नाके पर स्थित फास्ट टैग बूथों से भी प्राप्त किया जा सकता है | कई संस्थाएँ इसे ऑनलाइन भी आवेदन करने का विकल्प उपलब्ध करा रहें हैं, जिसमे आप वाहन के रजिस्ट्रेशन की प्रति, स्वयं एक फोटो प्रमाण – पत्र एवं एक फोटो अपलोड करके इसे घर बैठे भी प्राप्त कर सकते हैं |
फास्ट टैग के संबंध में ग्राहको के मन में कई तरह के प्रश्न आते हैं, जिनमे से कुछ के निरकरण यहाँ प्रस्तुत हैं :-
- फास्ट टैग की वैधता अविधि के बारे में हमे निश्चिंत रहना चाहिए क्योंकि इसकी वैधता असीमित अविधि के लिए होती है | केवल फास्ट टैग खराब होने की दशा में इसे 100/- का भुगतान करके पुनः जारी कराना होगा |
- यदि आपका घर टोल नाके से 10 किमी के दायरे में हो तो आपको फास्ट टैग के द्वारा भी टोल में छूट का लाभ मिलेगा | इसके लिए आपको संबंधित फास्ट टैग प्रदाता को अपने निवास का प्रमाण देना होगा जो की टोल नाके के 10 किमी के दायरे मे स्थित हो |
- यदि आपकी टोल की राशि गलत कट जाए तो आपको संबन्धित फास्ट टैग प्रदाता कंपनी के ग्राहक सेवा केंद्र से संपर्क कर सकते हैं, जो की उनकी वैबसाइट पर उपलब्ध रहता है | इसके अलावा आप संबन्धित फास्ट टैग प्रदाता कंपनी के वैबसाइट पर लॉगिन करके भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं|
यदि टोल प्लाज़ा पर आपके साथ गलत व्यवहार होता है तो आप इस ईमेल पते पर भी अपनी शिकायत कर सकते हैं etc.nodal@ihmcl.com
- फास्ट टैग का उपयोग राष्ट्रिय राजमार्गो के साथ – साथ राजकीय राजमार्गो पर भी किया जा सकता है | यह सम्पूर्ण भारत में मान्य रहेगा |
- मासिक पास प्राप्त के लिए आपको अलग से फास्ट टैग खरीदने की जरूरत नहीं होगी | वर्तमान फास्ट टैग को ही सेवा प्रदाता द्वारा मासिक सुविधा से लिंक कर दिया जाएगा |
- यदि आपके पास दो वाहन हैं तो आपको दोनों वाहनो के लिए अलग अलग फास्ट टैग खरीदने होंगे |
हाल ही में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 48 पर स्थित खेरकी डौला (गुरुग्राम के पास) टोल नाके पर फास्ट टैग लगे हुये वाहनो की संख्या 90% से ऊपर पहुँच गयी है जो की एक रिकॉर्ड है | वर्तमान आंकड़े दर्शातें हैं कि वह दिन दूर नहीं जब हम 100% टोल कलेक्शन के लक्ष्य के साथ डिजिटल भारत का सपना साकार होते हुये देखेंगे |
राम प्रकाश शर्मा
मुख्य प्रबन्धक (प्रशिक्षण)
भारतीय स्टेट बैंक ज्ञानार्जन और विकास केंद्र, अजमेर