बैंकिंग क्षेत्र में AI (Artificial Intelligence) का उपयोग

बैंकिंग क्षेत्र में AI (Artificial Intelligence) का उपयोग

Artificial intelligence का हिन्दी में अर्थ है कृत्रिम बुद्धिमत्ता । यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मशीनों को मनुष्यों वाला दिमाग दिया जाता है। उनके दिमाग को इतना उन्नत किया जाता है कि वो इंसान की तरह सोच सके और काम कर सके । इसमे मुख्यतः तीन प्रक्रिया होती है – पहला learning, जिसमें मशीन के दिमाग में सूचना डाला जाता है और उन्हें कुछ नियम सिखाये जाते हैं । दूसरा है reasoning, जिससे उन नियमों का पालन करके परिणाम की प्राप्ति कर सके और तीसरा है स्वयं सुधार, जिसमें गलतियों का सुधार कर सके।   

 

 

अनुसंधान कंपनी ऑटोनॉमस नेक्स्ट के एक पूर्वानुमान के अनुसार, दुनिया भर के सारे बैंक 2030 तक AI का उपयोग करके  अपनी लागत को 22% तक कम करने में सक्षम होंगे और यह  बचत $ 1 ट्रिलियन तक पहुंच सकती है।  वित्तीय कंपनियां उन सभी पेशेवरों को रोजगार देती हैं जिनके पास AI सिस्टम बनाने का कौशल है। मूल रूप से, बैंकिंग के लिए Artificial Intelligence को पाँच बड़े समूहों में विभाजित किया जा सकता है।

 

 

लागत में कमी

 

एआई, वित्तीय संगठनों को अपनी प्रक्रियाओं में कमजोरियों की पहचान करने में मदद करता है और कर्मचारियों के काम को अधिक कुशलता से व्यवस्थित करता है। इसका सबसे सरल उदाहरण चैटबॉट है, जो मानक मुद्दों पर ग्राहकों को सफलतापूर्वक सलाह दे सकता है। चैटबॉट की सेवा का उपयोग करने के लिए भुगतान की आवश्यकता नहीं होती है! यह तर्कसंगत है कि यह बेहतर ग्राहक सेवा के कारण मुनाफे को बढ़ाने में मदद करता है।

 

 

ग्राहक अनुभव में सुधार

 

जब बैंकों और अन्य वित्तीय संगठनों को एक ही नेटवर्क पर ग्राहक और उसके व्यवहार के बारे में सब कुछ जानने का अवसर मिलता है तो Artificial Intelligence ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाता है एवं ग्राहक के रुचि के अनुसार उनको सेवाएँ प्रदान करता है। इससे ग्राहक संतुष्टि बढ़ती है ।

 

 

चैटबॉट

 

यदि किसी ग्राहक को किसी वेबसाइट या एप्लिकेशन का उपयोग करने में कठिनाई होती है अथवा वह कोई सूचना प्राप्त करना चाहता है तो चैटबॉट्स का उपयोग उसे मदद प्रदान करता है और साथ ही साथ बैंक स्टाफ के कार्यभार को भी कम करता है। इसके अलावा, आधुनिक चैटबॉट कार्ड को लॉक करने और अनलॉक करने के साथ-साथ ग्राहकों को सूचनाएं भी भेज सकता है। अगर ग्राहक अपनी ओवरड्राफ्ट सीमा को पार कर गया है  या इसके विपरीत अगर खाता शेष सामान्य से कम है तो चैटबॉट उनको सूचनाएँ भेज सकता है।

 

 

वैयक्तिकृत ऑफ़र

 

ग्राहकों  के व्यवहार के बारे में विभिन्न प्रकार की जानकारी होने से वित्तीय कंपनियों को यह पता लगाने में आसानी होती है कि ग्राहक इस समय क्या चाहते हैं और उनकी भुगतान क्षमता कितनी है। उदाहरण के लिए यदि कोई ग्राहक कार डीलरों के विज्ञापनों को देख रहा है, तो यह इंगित करता है कि वह व्यक्ति कार ऋण का संभावित उपभोक्ता हो सकता है बशर्ते उसकी ऋण चुकाने कि क्षमता अच्छी हो ।

 

 

ग्राहक प्रतिधारण (customer retention)

 

बैंकिंग में Big data के साथ काम करने वाले आधुनिक एआई सिस्टम न केवल ग्राहक के व्यवहार का  विश्लेषण कर सकते हैं, बल्कि उनके बारे में धारणा भी बना सकते हैं। कई मामलों में ग्राहक के इरादों का अनुमान लगाना संभव है कि वह बैंकिंग सेवाओं से खुश या नाखुश है। यह इस बात का संकेत देता है कि अतिरिक्त प्रतिधारण उपाय करना आवश्यक है एवं और भी अधिक लक्षित और व्यक्तिगत ऑफ़र दिया जाए ताकि ग्राहक अनुभव में सुधार हो सके।

 

 

Artificial Intelligence बैंकिंग को सुरक्षित बनाता है

 

अधिकांश वित्तीय लेनदेन तब किए जाते हैं जब उपयोगकर्ता इंटरनेट पर या व्यवसायों में खरीदारी के लिए भुगतान करता है। इसका मतलब यह है कि ज्यादातर धोखाधड़ी वाले लेनदेन कुछ खरीदने के बहाने भी होते हैं। बैंकिंग में एआई ऐसा होने से रोकने का अवसर प्रदान करता है। उदाहरण के लिए:

चेहरा पहचान करने वाले कैमरे यह निर्धारित कर सकते हैं कि बिक्री के समय क्रेडिट कार्ड वास्तविक मालिक के हाथ में है या नहीं। संदिग्ध आईपी पते पर नज़र रखना जिससे वित्तीय लेनदेन होता है, धोखाधड़ी को रोकने में मदद कर सकता है और साथ ही धोखाधड़ी इरादों की पहचान भी कर सकता है। यदि कोई ग्राहक किसी समान को खरीदता है ताकि उसके स्थान पर एक नकली सामान लौटाया जा सके तो ऐसे ग्राहकों के व्यवहार पर Artificial Intelligence नजर रखता है एवं सूचित करता है।

 

 

Artificial Intelligence के कुछ जोखिम

 

 

रोजगार मे कमी

 

यह एआई से जुड़े सबसे आम जोखिमों और आशंकाओं में से एक है । हालांकि, आधुनिक शोध बताते हैं कि बैंकिंग क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कई व्यवसायों की तुलना में बहुत अधिक संख्या में नए रोजगार प्रदान करेगा। इसके अलावा, साठ प्रतिशत एआई प्रतिभाओं को, वित्तीय संस्थानों द्वारा काम पर रखा जाता है। यह कहने के लिए पर्याप्त कारण है कि रोजगार में कमी तो होगी लेकिन हमें बहुत ज्यादा कमी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

 

 

कम मानव संपर्क के कारण कम विश्वास

 

एक राय यह भी है कि मानव सलाहकारों के साथ काम करने के कम अवसरों के कारण ग्राहक वित्तीय संस्थानों में कम आत्मविश्वास महसूस करेंगे। यह सच है, लेकिन केवल आंशिक रूप से। सबसे अधिक संभावना पिछली पीढ़ी में पैदा हुए लोगों के संबंध में है जो प्रौद्योगिकी में विश्वास करने के लिए इच्छुक नहीं हैं, लेकिन नई पीढ़ी के लोगों के लिए जो सुविधा और विश्वसनीयता चाहिए वह उन्हें कुछ ही क्लिकों में प्राप्त हो जाएगा।

 

 

नैतिक जोखिम

 

नैतिक जोखिम इस तथ्य से जुड़े हैं कि वित्तीय कंपनियाँ अपने उपयोग के लिए व्यक्तिगत डाटा एकत्र करती है । कुछ ग्राहक इस तरह की प्रवृत्ति को पसंद नहीं करते हैं, लेकिन व्यक्तिगत डेटा का पता लगाए बिना कोई भी कार्रवाई करना संभव नहीं है। धोखाधड़ी करने वाले सभी लोग इस तथ्य को पसंद नहीं करते हैं, क्योंकि वे पहले से ही महसूस करने लगे हैं कि एआई सिस्टम को धोखा देना और कठिन होता जा रहा है।

 

निष्कर्ष

 

Artificial Intelligence बैंकों का भविष्य है। इसका उपयोग करने से बैंकों की technology और सशक्त होंगी और इसके उपयोग से कई तरीकों की धोखाधडिओ से भी बचा जा सकेगा। वित्तीय क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन संगठनों को अधिक लाभदायक बना सकती है और ग्राहकों के विश्वास को बढ़ा सकती है। हालाँकि, ऐसा होने के लिए AI समाधान को विशेषज्ञों की एक सक्षम टीम द्वारा विकसित किया जाना चाहिए।

 

 

प्रत्युष कुमार झा

मुख्य प्रबन्धक

स्टेट बैंक ज्ञानार्जन एवं विकास संस्थान, पटना

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