श्री राम के घर में 4 सदस्य हैं और आने जाने के कुल 5 साधन है। चारों की चार टू व्हीलर और एक फोर व्हीलर । घर में चारों ही रोजगार पर जाने वाले हैं और कोविड-19 महामारी के चलते वर्क फ्रॉम होम के लिए मजबूर हो गए हैं। वर्क फ्रॉम होम के चलते गाड़ियां घर में खड़ी रहती हैं और उनमें से कुछ के साधारण बीमा भी नवीनीकरण होने हैं। राम जी इंश्योरेंस के नवीनीकरण के लिए चिंतित रहते हैं। कोविड-19 के चलते साधारण बीमा नवीनीकरण और बीमा प्रीमियम दोनों ही उनकी चिंताओं में शामिल हैं।
चिंताओं से घिरे रामजी ने एसबीआई जनरल इन्शुरेंस में विकास अधिकारी के रूप में कार्यरत अपने मित्र हनुमान को फोन लगाया। हनुमान ने पहली ही घंटी में फोन उठाया और कुशलक्षेम पूछने के बाद फोन करने का कारण पूछा। रामजी की चिंताओं से बिना विचलित हुए हनुमान ने उन्हें बीमा पॉलिसी खरीदते समय निम्न बातों का ध्यान रखने को कहा:-
- वाहन बीमा मुख्यतः वाहन मालिक और वाहन के जोखिम को कम करने का साधन है ।
- जरूरत अनुसार अपने वाहन बीमा में अतिरिक्त लाभ (rider) जुड़वाने चाहिए ।
- बीमा करवाने से पहले बाज़ार में उपलब्ध अलग- अलग बीमा पॉलिसियों का तुलनात्मक अध्यन्न जरूर करें।
कोरोना काल में आई आर डी ए निर्देशानुसार स्वास्थ्य और वाहन बीमा खरीदना पूरी तरह से ऑनलाइन हो गया है यानि फॉर्म भरने से लेकर पॉलिसी डॉकयुमेंट जारी करने की सारी प्रक्रिया 31 मार्च 2021 तक ऑनलाइन होगी। यह सुनकर रामजी काफी निश्चिंत हुए।
हनुमान ने आगे बताया कि भारत सरकार के सड़क व परिवहन मंत्रालय ने चालक लाइसेंस, वाहनों के परमिट, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और फिटनेस सर्टिफिकेट की मियाद तिथि 31दिसंबर 2020 तक बढ़ा दी है। परंतु आई आर डी ए आई / साधारण बीमा काउंसिल ने साधारण बीमा की अवधि में ऐसी कोई भी बढ़ोतरी नहीं की है। अतः सभी वाहन चालक समय रहते ही अपने वाहनों का बीमा नवीनीकरण करवाएं। वाहनों का साधारण बीमा समय रहते नवीनीकरण न करवाना समस्या बन सकता है। यदि किसी कारणवश आपके वाहन को सड़क यातायात कर्मी ने पकड़ा तो आप पर पर एक भारी जुर्माना भी लग सकता है। यातायात नियमावली अनुसार कम से कम थर्ड पार्टी इंश्योरेंस तो अनिवार्य रूप से होना ही चाहिए। यदि भूलवश भी आपके वाहन से कोई दुर्घटनाग्रस्त हो गया तो यह आपके लिए भारी आर्थिक मुसीबत बन जाएगा। साधारण बीमा का नवीनीकरण अवधि के 3 माह से ज्यादा निलंबित रह गया तो वाहन मालिक वाहन के साधारण बीमा नवीनीकरण में नो क्लेम बोनस (एनसीबी) से वंचित हो जाएंगे।
रामजी जिज्ञासावश पुछ बैठे कि नो क्लेम बोनस क्या है? हनुमान मन ही मन मुस्कुराए और बोले कि नो क्लेम बोनस पॉलिसी धारक का होता है न कि बीमित वाहन का । इसलिए इसे किसी दूसरे के नाम पर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। हालांकि पुराने वाहन बीमा पॉलिसी मे अर्जित नो क्लेम बोनस नए वाहन के साधारण बीमा प्रीमियम में छूट लेने हेतु किया जा सकता है। जिन वाहन मालिकों ने लंबे समय से कोई बीमा क्लेम नहीं लिया है उनका नो क्लेम बोनस उनके दुर्घटनाग्रस्त वाहन के क्षतिग्रस्त हिस्से के प्रीमियम (own damage premium)का 50% तक हो सकता है। अवधि पार हुए साधारण बीमा के नवीनीकरण पर अनेक बीमा कंपनियां ज्यादा प्रीमियम लगाती हैं। यहां तक कि अवधि पार वाहनों के कंप्रिहेंसिव बीमा कवर देते समय वे वाहन के निरीक्षण पर भी जोर देती हैं। यदि निरीक्षण के दौरान वाहन में कुछ टूट-फूट पाई जाए तो वह टूट-फूट बीमा कवरेज से बाहर से कर दी जाती है। है। ऐसे में वो टूट-फूट मरम्मत करवाने पर वाहन मालिक को स्वयं से खर्च करना पड़ेगा।
हनुमान ने यह भी बताया कि वाहन का साधारण बीमा नवीनीकरण समय से 15 से 20 दिन रहते ही शुरू कर देना चाहिए। जिससे कि कोई तकनीकी समस्या आने पर भी हमारे पास पर्याप्त समय रहे। वाहन का साधारण बीमा नवीनीकरण कराते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए:
- जिन भिन्न-भिन्न स्रोतों से बीमा प्रीमियम मिलता हो, उन सब में तुलना जरूर करें। बीमा कंपनियों के ऑनलाइन प्रीमियम उनके ऑफलाइन ऑनलाइन प्रीमियम की तुलना में कम है।
- सीधे बीमा कंपनी की वेबसाइट पर दिया गया प्रीमियम उनके एजेंट के द्वारा दिए गए कोटेशन से कम ही मिलेगा।
- अपने वाहन के लिए उपयुक्त रकम का ही साधारणबीमा कवर लेना चाहिए जिसे कि इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू यानी आईडीवी भी कहते हैं।
किसी भी वाहन के खरीदने के पहले 5 साल तक आईआरडीए के द्वारा जारी किए गए मूल्यह्रास (डेप्रिसिएशन) सारणी के अनुसार ही इंश्योरेंस कंपनियां आईडीवी गणना करती हैं। अलग-अलग बीमा कंपनियां अलग-अलग आईडीवी निकाल सकती हैं। आईडीवी कीमत निकालने के लिए उन्होंने वाहन का एक्स शोरूम कीमत किस जगह का लिया है, यह उस पर निर्भर है। अपने वाहन का आईडी वी निकालने के लिए यह मूल मंत्र काम में ले सकते हैं वाहन के एक्स शोरूम कीमत से प्रतिवर्ष 10% की दर से डेप्रिसिएशन लगाएं और उसके उपरांत आईडीवी की गणना करें। आप चाहे तो सेकंड हैंड बाजार में वाहन के मूल्य का अंदाजा लेकर भी आईडी वी का अनुमान लगा सकते हैं। यदि आपका वाहन चोरी चले जाता है तो आप कितनी धनराशि उसके बदले में पाना चाहेंगे-यह भी आईडीवी के आकलन के लिए एक मोटा तरीका हो सकता है। अलग-अलग बीमा कंपनियों से प्राप्त प्रीमियम की दरों में तुलना करते समय यह जरूर ध्यान दें कि कहीं बीमा कंपनी आईडी वी राशि में हेरफेर करके आपको मूर्ख ना बना दे।
इतनी जानकारी से रामजी की उत्सुकता और बढ़ गयी और उन्होने हनुमान से पूछा कि ये कौनसे अतिरिक्त लाभ (rider) हैं, जो कि वाहन बीमा के साथ लिए जा सकते हैं? हनुमान बोले कि वाहन के लिए साधारण बीमा खरीदने से पहले यह भी जांच लेना जरूरी है कि कौन-कौन से अतिरिक्त लाभ आप बीमा पॉलिसी में लेना चाहेंगे प्रत्येक जागरूक उपभोक्ता अपनी जरूरत के अनुसार अतिरिक्त लाभ अपनी पॉलिसी में जुड़वाना चाहेंगे। इसे हम नीचे दी गई सारणी के अनुसार समझ सकते हैं।
अतिरिक्त लाभ | किससे बचाव करेगा | किसे लेना चाहिये |
इंजन सुरक्षा | वाहन के इंजन में पानी भरने से इंजन को होने वाली हानि | जो पानी के भराव वाले इलाकों में रहते हैं |
सड़क सुरक्षा | किसी सुनसान या नए इलाके में वाहन खराब होने पर | जिनके वाहन पुराने हो गए हैं / जो लंबी यात्रा पर अक्सर जाते हैं |
इन्वाइस सुरक्षा | चोरी / दुर्घटना से वाहन की पूर्णा हानि | जो नया वाहन खरीदने के लिए एक्स शोरूम कीमत और आइडीवी का अंतर भी देने के इच्छुक नहीं है |
शून्य मूल्यह्रास (डेप्रिसिएशन) | वाहन के विभिन्न भागों को होने वाली क्षति | नयी कारों के मालिक / जो वाहन के पुर्जों की डेप्रिसिएटिड कीमत |
फोन कॉल लंबा था, परंतु रामजी आश्वस्त थे कि एसबीआई जनरल के हनुमान के रहते कोविड-19 के बावजूद वाहन बीमा नवीनीकरण कोई चिंता को विषय नहीं है।
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दीपक स्वामी ,
मुख्य प्रबन्धक (प्रशिक्षण), भारतीय स्टेट बैंक ज्ञानार्जन और विकास केंद्र, अजमेर।